Namaz ki Sana in Hindi – नमाज़ की सना हिंदी में

दोस्तो हर एक बालिग़ मुसलमान मर्द व औरत के ऊपर दिन में पांच वक़्त की नमाज़ पढ़ना फ़र्ज़ है। अगर कोई इंसान इसके (नमाज़ के) फ़र्ज़ होने का इंकार करे तो वो काफिर है। अगर कोई इंसान जान बूझकर सिर्फ एक वक़्त की भी नमाज़ छोड़ दे तो वो फ़ासिक़ है और जहन्नम की अज़ाब का हक़दार होगा।

नमाज़ की इतनी अहमियत होने के की वजह से आजकल हमारे कुछ मुस्लिम भाई बहन नमाज़ के बारे में आये दिन कुछ नयी जानकारी इंटरनेट पे खोजने की कोशिश करते हैं और उनमें से ही एक टॉपिक है – नमाज़ की सना हिंदी में – Namaz ki Sana in Hindi

जी हाँ, आजकल बहोत सारे इस्लामी भाई बहन इंटरनेट पर “Namaz ki Sana in Hindi” लिखकर नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सना को ढूंढते हैं। तो चलिए आज आपको नमाज़ की सना हिंदी में बताते हैं।

" सुबहा न कल्लाहुम्म व बे हमदि क व तबा र कसमु क व त आला जद्दू क व ला इलाह ग़ैरु क "
Namaz ki Sana in Hindi - नमाज़ की सना हिंदी में
Namaz ki Sana in Hindi – नमाज़ की सना हिंदी में
سُبْحٰنَکَ اللّٰھُمَّ وَ بِحَمْدِکَ وَ تَبَارَکَ اسْمُکَ وَتَعَالٰی جَدُّکَ وَلَا اِلٰہَ غَیْرُکَ
Subhana Kallahumma wa Bihamdika wa Tabarakasmuka wa Ta’ala Jadduka wa Laa Ilaha Ghairuk
  1. अल्लाह की ख़ुशनूदी का सबब नमाज़ है। 
  2. हुज़ूर ﷺ के आँखों की ठंडक नमाज़ है। 
  3. नमाज़ अँधेरी क़ब्र का चिराग़ है। 
  4. नमाज़ क़ब्र के अज़ाब से बचाती है। 
  5. नमाज़ क़यामत की धुप में साया है। 
  6. नमाज़ जन्नत की चाभी है। 
  7. नमाज़ से गुनाह माफ़ हो जाते हैं। 
  8. नमाज़ बे हयाई और बुरे कामों से बचाती है। 
  9. नमाज़ को सही वक़्त पर अदा करना सारे कामों से अफ़ज़ल यानि बेहतर है।
  10. नमाज़ी के लिए सबसे बड़ी नेअमत ये है कि उसे क़यामत के दिन अल्लाह तआला का दीदार होगा।

नमाज़ एक अज़ीम नेअमत है और जो इंसान इसे पाबन्दी से पढ़ेगा वो जन्नत का हक़दार होगा और जो फ़र्ज़ नमाज़ें नहीं पढ़ेगा वो जहन्नम की आग का हक़दार होगा। क़ुरआन शरीफ के 16वें पारे, सूरह मरियम की आयत – 59 में अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त फरमाता है –

۞ فَخَلَفَ مِنۢ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ أَضَاعُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَٱتَّبَعُوا۟ ٱلشَّهَوَٰتِ ۖ فَسَوْفَ يَلْقَوْنَ غَيًّا

तो उनके बाद उनकी जगह वो नाखल्फ आये जिन्होंने नमाज़ें गंवाई और अपनी ख्वाहिशों के पीछे हुए तो अनक़रीब वो जहन्नम में ग़य (غَي) का जंगल पाएंगे। 

ऊपर बयान की हुी आयत में ‘غَي‘ लिखा हुआ है , हज़रत अल्लामा मुफ़्ती मोहम्मद अमजद अली फरमाते हैं कि ,

'غَي' जहन्नम में एक वादी है जिसकी गर्मी और गहराई सबसे ज़्यादा है और इसमें एक कुंवा है जिसका नाम हब-हब है, जब जहन्नम की आग बुझने पर आती है तो अल्लाह पाक इस कुंवे  खोल देता है जिससे वो पहले की तरह भड़कने और जलने लगती है।  ये कुंवा बे नमाज़ीयों, ज़ानियों, शराबियों, सूदखोरों, और अपने माँ - बाप को दर्द देने वालों के लिए है।  - (बहारे शरीअत, जिल्द - 1 पेज - 734 )

दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट अच्छी लगी होगी और मेरी दुआ है कि अल्लाह तआला हम सबको नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ दे और गुनाहों से बचाये। अगर इस पोस्ट के बारे में आपकी कोई राय हो तो कमेंट करके ज़रूर बताएं –

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