अक़ीक़ा क्या होता है – Aqeeqah Kya Hota Hai, Hakika Kya Hota Hai, Aqeeqah ki Dua

दोस्तों आपने कभी न कभी अक़ीक़ा के बारे में कुछ ऐसे सवाल ज़रूर सुने होंगे, जैसे –

अक़ीक़ा का मतलब क्या है? – Aqeeqah Ke Masail, इस्लाम में अकीक़ा कैसे किया जाता है? अकीक़ा की कीमत कितनी है?, Aqeeqah Kya Hota Hai ? अक़ीक़ा के लिए कोई दुआ है क्या?

तो चलिए आज इसी अक़ीक़ा के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।

अक़ीक़ा का मतलब क्या है ? Aqeeqah Kya Hota Hai

लोग पूछते हैं कि इस्लाम में अकीक़ा कैसे किया जाता है? उनकी जानकारी के लिए बता दूँ कि,

“बच्चा के पैदा होने के शुक्रिया में जिस जानवर को ज़बह किया जाता है उसे अक़ीक़ा कहते हैं। इस्लाम में अक़ीक़ा करना जायज़ और अच्छा माना गया है। इसे सुन्नत भी कह सकते हैं क्यूंकि हुज़ूर ने खुद अपने नवासे हज़रत इमाम हसन और हुसैन का अक़ीक़ा किया था।”

अक़ीक़ा कब करना चाहिए ? 
बहुत सारे लोग ये सवाल करते हैं कि इस्लाम में बच्चा पैदा होने पर क्या करना चाहिए?

जब बच्चा पैदा हो तो सबसे पहले चाहिए कि उसके दाएं कान में चार बार अज़ान और बाएं कान में तीन बार तकबीर कही जाये। फिर सातवें दिन उसका अक़ीक़ा किया जाना चाहिए। अक़ीक़ा करते वक़्त बच्चे का सर मुंडवाया जाना चाहिए और उसके बाल के बराबर चांदी को सदक़ा यानि दान करना चाहिए।

अक़ीक़ा क्यों करते हैं ? Aqeeqah Kyu Karte Hai
बच्चे का अक़ीक़ा इसलिए किया जाता है ताकि उस बच्चे का जिस्म और उसकी जान दोनों उस जबह किये गए जानवर के बदले हर मुसीबत और परेशानियों से बच जाए ।

अक़ीक़ा क्यों ज़रूरी है ? Aqeeqa Kyun Zaroori Hai / Aqeeqah Ke Fayde

अक़ीक़ा इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि अगर कोई बच्चा इस दुनिया में पैदा होने के बाद 7 दिन तक ज़िंदा रहे लेकिन फिर भी उसका अक़ीक़ा न किया जाये और अगर वो फिर 7 दिन के बाद इस दुनिया से चला जाये तो क़यामत के दिन उसके माँ – बाप उसकी शफ़ाअत के हक़दार नहीं होंगे। (फतावा रज़विय्या)

अगर 7वें दिन अक़ीक़ा न हो सके तो क्या करें: (Aqeeqah Kya Hota Hai)
अक़ीक़ा करने के लिए 7वां दिन अच्छा माना गया है लेकिन अगर 7वे दिन न कर सकें तो उसके बाद जब भी मौक़ा मिले तो कर सकते हैं , सुन्नत अदा हो जाएगी।

अकीक़ा की कीमत कितनी है? / अक़ीक़ा में कितना खर्च आता है ? (Aqeeqah Kya Hota Hai)
अक़ीक़ा में पैसे का कोई लेना देना नहीं होता है बल्कि जिस जानवर को ज़बह किया जाता है उसकी अहमियत होती है।अगर लड़के के लिए अक़ीक़ा कर रहे हैं और जानवर छोटा है तो उसके लिए दो जानवर ज़बह  किया जाना चाहिए।

अगर लड़की के लिए अक़ीक़ा कर रहे हैं और जानवर छोटा है तो एक जानवर को ज़बह करना चाहिए। अगर जानवर बड़ा हो तो उसमें लड़के के लिए दो हिस्सा किया जाये वहीँ लड़की के लिए एक हिस्सा किया जाये। लेकिन अगर किसी ने लड़की के लिए दो और लड़के के लिए एक जानवर को ज़बह किया तब भी कोई दिक़्क़त नहीं है और उसका अक़ीक़ा हो जायेगा।

लड़के के लिए नर जानवर और लड़की के लिए मादा जानवर का इस्तेमाल किया जाना ज़्यादा अच्छा है लेकिन अगर इसका उल्टा किया जाये तब भी कोई दिकत नहीं है और अक़ीक़ा हो जायेगा। (Aqeeqah Kya Hota Hai)

अक़ीक़ा का जानवर कैसा होना चाहिए ? Aqiqa Ka Janwar Kaisa Hona Chahiye:
अक़ीक़ा के जानवर में कोई ऐब (जैसे जानवर के बदन का कोई हिस्सा कटा-पिटा) नहीं होना चाहिए।

क्या हम अक़ीक़ाह का मांस खा सकते हैं? / अक़ीक़ा का गोश्त खाया जा सकता है ? 
अक़ीक़ा का गोश्त भी बिलकुल क़ुर्बानी के गोश्त की तरह ही है और इसे खुद माँ – बाप, दादा-दादी , नाना – नानी सब खा सकते हैं।

फ़क़ीरों और ग़रीबों को कच्चा दिया जा सकता है और पका कर भी खिलाया जा सकता है। गोश्त की हड्डी जहां तक हो सके न तोड़ी जाए और बिना हड्डी तोड़े ही गोश्त निकाल लिया जाये और दान / सदक़ा किया जाये। हड्डी को न तोडना बच्चे की सलामती के लिए अच्छा शगुन  माना गया है , लेकिन अगर कोई तोड़ भी दे तो कोई दिक़्क़त नहीं है।

अक़ीक़ा के गोश्त के 3 भाग / अकीक़ा के 3 भाग कौन से हैं? 

कहा गया है कि जानवर का सर और पांव हजाम यानी नाई को, अगला रान दाई को दें और फिर बाक़ी के गोश्त को तीन पार्ट में करके एक हिस्सा फ़क़ीर को, एक हिस्सा अपने रिश्तेदारों और जानने वाले लोगों को और बाक़ी का बचा हिस्सा खुद के खाने के लिए रखें।

अक़ीक़ा के लिए कोई दुआ है क्या? Aqiqah Ki Dua:
बहुत सरे लोगों का ये सवाल होता है कि अक़ीक़ा के लिए कोई दुआ है क्या?

तो आप दोस्तों की जानकारी के लिए बता दूँ कि अक़ीक़ा के जानवर को भी क़ुर्बानी के जानवर की तरह ही ज़ोर से “बिस्मिल्लाह अल्लाहु अकबर” कहकर ज़बह करना चाहिए और उसके बाद ये दुआ पढ़ना चाहिए –

अक़ीक़ा के लिए कोई दुआ है क्या? Aqiqah Ki Dua
Aqiqah Ki Dua – razatracker.com

हक़ीक़ा क्या होता है ? Hakika Kya Hota Hai

अक़ीक़ा को ही आजकल कुछ लोग हक़ीक़ा (Hakika) बोलते हैं लेकिन असल में यह शब्द अक़ीक़ा होता है न की हक़ीक़ा। इसलिए आपलोग भी अब से Hakika Kya Hota Hai की जगह (Aqeeqah Kya Hota Hai) ये लिखकर ही सर्च किया करें।

हमें उम्मीद है कि अब आपको (Aqeeqah Kya Hota Hai) का जवाब मिल गया होगा। अगर अभी भी आपकी नज़र में इस सवाल (Aqeeqah Kya Hota Hai) के बारे में कोई सवाल है तो अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर दें।

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